नेशनल डेस्क/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच आज दिल्ली के हैदराबाद हाउस
में औपचारिक चर्चा होगी। दोनों नेता 19वीं भारत-रूस सालाना समिट में भी
हिस्सा लेंगे। दोनों देशों के बीच 20 समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। इनमें सबसे अहम 37 हजार करोड़ की एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम डील पर मुहर लग सकती है।रिया में तैनात है एस-400
एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है। जमीन से हवा में मार
करने वाला यह सिस्टम दुश्मन देशों के लड़ाकू जहाजों, मिसाइलों और ड्रोन को
पलक झपकते ही खत्म कर देगा।
खास बात यह है कि एक साथ 100 हवाई टारगेट को भांप सकता है। रूस ने इस
सिस्टम को सीरिया में तैनात कर रखा है। एयर डिफेंस सिस्टम मिसाइलों और
पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी 400 किलोमीटर के दायरे में आते ही
खत्म कर देगा। डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा। यह
पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को
सुरक्षा देगा। यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी
गिरा सकता है। यह सिस्टम 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है। अगर सौदा होता है तो चीन के बाद इस सिस्टम को खरीदने वाला भारत
दूसरा देश होगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक एस-400 में मिसाइल दागने की क्षमता पहले से
ढाई गुना ज्यादा तेज है. इसके साथ ही यह एक साथ 36 जगहों पर निशाना लगा
सकता है, इसके अलावा इसमें स्टैंड-ऑफ जैमर एयरक्राफ्ट, एयरबोर्न वॉर्निंग
और कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट है, यह बैलिस्टिक और क्रूज दोनों मिसाइलों को बीच में ही नष्ट कर देगा, एस-400 रोड मोबाइल है और इसके बारे में कहा
जाता है कि आदेश मिलते ही पांच से 10 मिनट के भीतर इसे तैनात किया जा सकता
है।
चीन, पाकिस्तान के मिसाइल अटैक को नाकाम करेगा S-400 सिस्टम
फिलहाल भारत में एयर डिफेंस सिस्टम दूसरे देशों की कम्पेरिजन में पुराना है, जिनमें ज्यादातर सोवियत युग के मिग जेट हैं। एस-400 रूस की सबसे एडवांस
और सबसे शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली है जो 2007 में रूसी सेना में तैनात
की गई थी। ये अमेरिका के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान एफ-35 को भी समय रहते
गिराने की क्षमता रखती है। चीन ने 2015 में सबसे पहले रूस से S-400 रक्षा
प्रणाली खरीदी थी और इस साल जनवरी से ये चीनी सेना में शामिल है। वहीं
पाकिस्तान ने 1980 में एयर मिसाइल प्रोग्रान की शुरुआत की थी, इंडिया से
तनाक के हालात में वो लगातार मिसाइल परीक्षण करता रहा है, फिलहाल पाकिस्तान
के पास शाहीन-1, शाहीन-2 और शाहीन-3, गजनी, गौरी और बाबर जैसी मिलाइलें भी
हैं, लेकिन ये S-400 सिस्टम के सामने नहीं टिकेंगी, इसीलिए पाकिस्तान की
नींद उड़ी हुई है।
अमेरिका को क्यों है डील से ऐतराजभारत-रूस के बीच होने वाले संभावित समझौते को देखते हुए अमेरिका ने नाराजगी
जाहिर की है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को कहा कि हम
अपने सभी सहयोगियों और साझेदारों को रूस के साथ व्यापार न करने का अनुरोध
कर चुके हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो सहयोगी देशों पर सीएएटीएसए के तहत
प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
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