domenica 7 ottobre 2018

लाहौल-स्पीति घाटी में तापमान -17 डिग्री सेल्सियस पहुंचा, नदियां-झीलें जमीं

हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में सब जीरो टेम्परेचर (-17.78 डिग्री सेल्सियस) रिकॉर्ड किया गया है। इसके चलते नदियां और झीलें जम गई हैं। हिमाचल के कई इलाकों में 21 से 23 सितंबर के बीच बादल फटने से भारी बारिश और बर्फबारी हुई थी। इसके चलते छतरू और छोटा दारा जैसे इलाकों में कई कारें और बाइक्स फंस गई थीं।
 यूज एजेंसी के मुताबिक, स्पीति घाटी का तापमान काफी गिर गया है। छतरू इलाके में बहने वाली चंद्रा नदी बर्फ की चादर में बदल गई है। हाल ही में हुई बर्फबारी के चलते कई इलाकों में फंसे सैकड़ों स्थानीय लोगों और विदेशियों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया था।

हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में रास्ता बंद: रोहतांग, कुंजुम और बरलाचा दर्रे में भारी बर्फबारी के चलते इनका संपर्क लाहौल-स्पीति घाटी से टूट गया है। पानी और बिजली सप्लाई भी बाधित हुई है और सैकड़ों पर्यटक फंस गए हैं। मनाली के एसडीएम रमन गरसंघी ने कहा है कि मनाली-रोहतांग पास सोमवार को खुल जाएगा। इलाके को बर्फबारी के चलते बंद कर दिया था और पर्यटकों को यहां जाने की इजाजत नहीं थी। पर्यटकों को ग्रीन परमिट के जरिए ही वहां जाने की इजाजत होगी। ग्रीन परमिट को ऑनलाइन ही लिया जा सकेगा।
नोएडा. सेक्टर 94 में रविवार को एक निर्माणाधीन इमारत की शटरिंग गिरने से चार मजदूरों की मौत हो गई। हादसे में छह अन्य जख्मी हुए हैं। फिलहाल, मरने वालों यूपी और बिहार के निवासी है। गौतमबुद्धनगर पुलिस ने मालिक और ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस उपाधीक्षक (नगर) अवनीश कुमार ने बताया कि सेक्टर 94 में बीपीटीपी बिल्डर्स एक हाईराइज बिल्डिंग बना रहे हैं। रविवार सुबह करीब 10 बजे शटरिंग गिरने से हादसा हुआ। पुलिस ने मलबे में दबे मजदूर अशोक, विजयपाल, महेश, अजय, शादाब, नौशाद, करण, नसरुल, राम जय कुमार और चक्रधारी को बाहर निकाला।

इलाज के दौरान बिहार के सिमरी निवासी राम विजय कुमार, विजय पाल निवासी बदायूं (उप्र.), करन निवासी बरेली (उप्र.) व नौशाद निवासी ग्रेटर नोएडा (उप्र) की मौत हो गई। सबरीमाला मंदिर के मुख्यपुजारी ने मंदिर में महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के साथ बातचीत से इनकार कर दिया। पुजारियों का कहना है कि केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने का कदम उठाया है और इस मुद्दे पर चर्चा की कोई जरूरत नहीं है। महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिए जाने के आदेश के खिलाफ राज्य में कई जगहों पर विरोध जारी है। इन लोगों का कहना है कि मंदिर में प्रवेश के लिए बरसों से चली आ रही परंपरा को लागू किया जाए।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने तंत्री (मुख्य पुजारी) परिवार और पंडालम राजपरिवार के सदस्यों के इस मुद्दे पर बातचीत के लिए बुलाया था। राजपरिवार के सदस्यों ने भी चर्चा से इनकार कर दिया।
तीन मुख्य पुजारियों में से एक कांडारारु मोहनारु और राजपरिवार के सदस्य शशिकुमार वर्मा ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करना चाहती है और ऐसे में उनसे बातचीत का कोई मतलब नहीं है।
मोहनारु ने कहा कि हम रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे। देखते हैं इसका क्या नतीजा निकलता है। इस मामले में पंडालम राजपरिवार का नजरिया जानने के बाद हम अधिकारियों के साथ भी चर्चा करेंगे।
वर्मा ने कहा- सुप्रीम कोर्ट का फैसला गलत है। यह भगवान अयप्पा मंदिर की परंपराओं और रीति-रिवाजों का उल्लंघन है। लेकिन, सरकार बिना इसका विरोध किए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने जा रही है।
विपक्षी भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही केरल सरकार के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ये भगवान अयप्पा के अनुयायियों की भावनाओं के खिलाफ है। रविवार को सैकड़ों अयप्पा अनुयायियों ने सनातन धर्म की पुनर्स्थापना की मांग करते हुए सरकार के फैसले का विरोध किया।
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय खंडपीठ ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हटा थी और कहा था कि हर उम्र की महिला मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी। पहले हर महीने होने वाली माहवारी को आधार बनाकर मंदिर प्रबंधन ने महिलाओं के प्रवेश पर पिछले 53 सालों से रोक लगा रखी थी। लेकिन, साल 2006 में पांच महिला वकीलों ने इस मामले में याचिका दायर की थी।

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